गर्भावस्था के शुरुआत में योनि से रक्तस्राव
प्रेगनेंसी टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद रक्तस्राव
गर्भावस्था की शुरुआत में अगर आपकी योनि से रक्तस्राव हो रहा हो(चाहे हल्का सा भी), तो तुरंत सचेत हो जाए। ये नॉर्मल भी हो सकता हैं। लेकिन यह खतरनाक संकेत भी हो सकता हैं।
इसलिए अगर आपके भी पहला पीरियड मिस होने के बाद भी हल्का रक्तस्राव हो रहा हो तो तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास जाकर जांच कराए। इसमें देरी करना खतरनाक हो सकता हैं।
गर्भावस्था की शुरुआत में ब्लीडिंग के कारण:
ब्लीडिंग की वैसे तो बहुत सारे कारण हो सकता है लेकिन उनमें से कुछ के बारे में जानकारी यहां पर दी जा रही हैं:
1. एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic Pregnancy):
जब निषेचित अंडा गर्भाशय के बाहर कहीं और स्थापित हो जाए, जैसे कि फेलोपियन ट्यूब में, तो उसे एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (ectopic pregnancy) कहते हैं।
इसके कारण ब्लीडिंग शुरू हो जाती हैं। भ्रूण गर्भाशय से बाहर ठीक से विकसित नहीं हो सकता हैं। और यह खतरनाक भी हैं। क्योंकि थोड़े समय के बाद यह फेलोपियन ट्यूब कभी भी फट सकती हैं।
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के लक्षण:
- पेट के निचले भाग में एक तरफ दर्द होना।
- योनि से रक्तस्राव या भूरा पानी जैसा रिसाव होना।
- शौच या पेशाब करने के दौरान तकलीफ होना।
- कंधे का दर्द होना
इसलिए जब भी पहला पीरियड मिस हो, उसके अगले दिन ही अगर आपको हल्की हल्की ब्लीडिंग हो रही हो, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं।
खुद से डॉक्टर ना बने। अंदाजा न लगाए। तुरंत जाके पहले जांच कराए क्योंकि आपकी जरा सी लापरवाही खतरनाक हो सकती हैं। समय रहते शुरुआती जांच से कुछ भी कॉम्प्लिकेशन होने की संभावना कम हो जाती हैं।
2. गर्भपात
गर्भावस्था की शुरुआत के 3 महीने ब्लीडिंग होना गर्भपात का संकेत हो सकता हैं। हालांकि ऐसा नॉर्मल गर्भावस्था में भी हो सकता हैं।
गर्भपात के लक्षण
- पेट के निचले हिस्से में दर्द और मरोड़
- योनि से तरल पदार्थ का रिसाव
- योनि से उत्तक का रिसाव
- गर्भावस्था के लक्षण महसूस न करना, जैसे कि स्तन में कसावट।
अगर आपको रक्तस्राव और इन लक्षणों में से कुछ भी दिखे तो तुरंत अपने डॉक्टर से जांच करवाएं।
3. इंप्लांटेशन(implantation) ब्लीडिंग
गर्भावस्था की शुरुआत में हल्का रक्तस्राव हो सकता है। इसे स्पॉटिंग(spotting) कहते हैं। ऐसा तब होता हैं जब भ्रूण गर्भाशय की दीवार से जुड़ (implant) जाता हैं। यह ब्लीडिंग उस समय के आसपास होती हैं, जब पीरियड आने का समय होता हैं। लेकिन इससे कोई नुकसान नही हैं। फिर भी एक बार अपने डॉक्टर से जरूर मिले।
महत्वपूर्ण सूचना: इस पोस्ट का उद्देश्य केवल जानकारी प्रदान करना है लेकिन ये जानकारी किसी भी हाल में चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। आपको अपने स्वास्थ्य के बारे में कोई निर्णय लेते समय हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
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