Tips for Achieving Goals in Life in Hindi

अपनी मंजिल को कैसे पाए
मानव जीवन में लक्ष्य प्राप्ति को लेकर स्वामी विवेकानंद जी ने कहा है कि……
उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए।
स्वामी विवेकानंद जी
इस प्रकार, प्रत्येक व्यक्ति का जीवन में कोई ना कोई लक्ष्य अवश्य होता है। जिसे पाकर वह सदैव ही समाज और देश की उन्नति में अपना योगदान देता है। लक्ष्य से तात्पर्य व्यक्ति के जीवन में मौजूद एक निश्चित उद्देश्य से होता है। जिसको प्राप्त करने के लिए, वह तब तक प्रयासरत रहता है,जब तक वह उसे हासिल नही कर लेता है।
जैसे यदि कोई बच्चा बड़े होकर डॉक्टर, वकील, इंजीनियर या अध्यापक बनना चाहता है। तो यह उसके भावी जीवन का अपना निर्धारित लक्ष्य होता है, जिसे प्राप्त करने के पश्चात् ही वह जीवन में एक सफल व्यक्ति बन पाता है। ऐसे में आज हम जीवन लक्ष्यों को प्राप्त करने से जुड़े 10 टिप्स आपको बताएंगे। जिसे जानकर आप अवश्य ही अपने जीवन लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उत्साहित होंगे।
अपने जीवन में लक्ष्य प्राप्ति के लिए….
वफादार रहें।
जीवन में किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सबसे आवश्यक है कि आप उसके प्रति वफादार रहें। यानि आपने अपने भावी जीवन के लिए जो रास्ता चुना है। उस मार्ग में भले कितनी ही कठिनाईयां क्यों ना आएं। आपको मार्ग से विचलित नहीं होना है। क्योंकि एक बार यदि आप राह भटक गए तो समझिए आप अपने लक्ष्य के प्रति वफादार नहीं हैं।
दूसरा, हम जब भी अपने जीवन में कुछ अच्छा करने की कोशिश करते है। तो हमारे सामने अनेक विपरीत परिस्थितियां आती है और यदि हम उस दौरान किसी के कहने पर अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं। तो इसका तात्पर्य यही होता है कि हमने जो लक्ष्य निर्धारित किया था, हमने पूर्ण रूप से उसे पाने की चेष्टा नहीं की और इसे ही लक्ष्य के प्रति वफादार ना होना कहते हैं।
इसलिए आवश्यक है कि यदि हम अपने जीवन में किसी लक्ष्य की प्राप्ति चाहते हैं तो हमें सदैव ही अपने मार्ग पर अडिग रहना होगा।
सकारात्मक रहें।
यदि आप अपने जीवन में कुछ बनना चाहते हैं। तो आपको सदैव ही सकारात्मक रवैया अपनाना चाहिए। फिर चाहे अपने जीवन में लक्ष्य प्राप्ति के दौरान आपके साथ कई नकारात्मक बातें घटित ही क्यों ना हो। लेकिन आपको यदि वास्तव में अपना लक्ष्य पाना है तो सकारात्मक सोच रखनी होगी।
जिस प्रकार से, आधा गिलास देखकर हमें उसे आधा भरा ही समझना चाहिए। ठीक उसी तरह कहा जाता है कि यदि आप केवल सकारात्मक सोचते हैं तो आप अपने उद्देश्य को पाने में जल्दी कामयाब होते हैं। और लक्ष्य प्राप्ति को लेकर आपके प्रयास भी अधिकतम होते हैं।
मेहनत से ना घबराएं।
अक्सर देखा गया है कि जब कोई व्यक्ति जीवन में कुछ बनने की सोचता है। तो उनमें से अधिकतर लोग सिर्फ इसलिए अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो पाते हैं क्योंकि वह मेहनत का नाम सुनते ही घबरा जाते हैं। और बिना प्रयास के ही लक्ष्य रूपी मैदान को छोड़कर चले जाते हैं। इसके पीछे उनका अपने लक्ष्य के प्रति विश्वास कम होना होता है। तो वही कुछ लोग इसलिए भी अपने बनाए हुए लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाते हैं क्योंकि वह अपनी तुलना दूसरों से करने लग जाते हैं। उन्हें लगता है कि फलां व्यक्ति इतनी मेहनत करने के बावजूद इस कार्य में सफल नहीं हो सका। तो मैं कैसे हो सकता हूं?
जबकि हमें यह सोचना चाहिए कि यदि हमने अपने जीवन में कोई लक्ष्य बनाया है तो अवश्य ही हम उसे पाने की सामर्थ्य रखते होंगे। लेकिन किसी अज्ञात भय के चलते हम मेहनत करने से पहले से डर जाते हैं। और लक्ष्य प्राप्त करने से पहले ही हम अपना मार्ग बदल देते हैं।
कमियों पर विजय पाएं।
देखा गया है कि जब कुछ लोग अपने जीवन के उद्देश्य को पाने में सफल नहीं हो पाते हैं। तो वह अपनी कमियों को दूर करने की बजाय अन्य चीजों को कोसने लग जाते है। और वह कभी भी अपने निश्चित उद्देश्य को प्राप्त नहीं कर पाते हैं। इसलिए यदि आप अपने जीवन में लक्ष्य प्राप्ति करना चाहते हैं तो आपको आज ही से अपनी कमियों और गलतियों में सुधार करना चाहिए।
आपको यह भी समझना चाहिए कि आपके प्रयासों में कमी कहां रह जा रही है? जिसकी वजह से आप अपने निश्चित उद्देश्य को प्राप्त करने में सफल नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में जब आप अपनी गलतियों और कमियों में सुधार करके पुन: लक्ष्य प्राप्ति की ओर बढ़ जाते हैं तो आप निश्चित ही अपने उद्देश्य में सफल हो जाते हैं।
जीवन में लक्ष्य की उपयोगिता समझिए।
अगर आपने भी अपने जीवन में कुछ बनने की ठानी है। तो अवश्य ही इसके पीछे आपकी एक मंशा रही होगी। यानि यदि आपको अपने लक्ष्य के उद्देश्य के विषय में जानकारी है। तो आपको जीवन में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता हैं। क्योंकि देखा जाता है प्राय: लोग दूसरों को दिखाने या शेखी बघारने के उद्देश्य से जीवन में बड़े लक्ष्य बना लेते हैं। लेकिन धरातल पर उनके प्रयास काफी कम होते हैं।
इसी कारण से वह अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो पाते हैं। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति को यह समझना होगा कि यदि उसने जीवन में यह लक्ष्य अपनाया है, तो उसके पीछे अवश्य ही कोई वजह रही होगी। जिसके आधार पर आपको अपना लक्ष्य पाने में आसानी रहती है।
छोटे छोटे लक्ष्य बनाएं।
यदि आपको अपने लक्ष्य में सफल होना है। तो उसके लिए आवश्यक है कि आप जिंदगी के छोटे छोटे पहलुओं को भी जीते चले। अक्सर देखा गया है कि व्यक्ति अपनी सामर्थ्य से बढ़कर जीवन लक्ष्य निर्धारित कर लेता है। लेकिन जब उसे हासिल करने की बारी आती है, तो उसका हौसला टूट जाता है। क्योंकि उसने अपने जीवन लक्ष्य को पहाड़ पर चढ़ने की भांति कठिन बना लिया है। ऐसे में व्यक्ति को सफलता की छोटी छोटी सीढ़ियों पर चढ़कर ही जीवन के वास्तविक उद्देश्य की प्राप्ति होती है।
छोटे छोटे लक्ष्यों से हमारा तात्पर्य यह है कि यदि आप एक प्रशासनिक अधिकारी बनना चाहते हैं तो उसके लिए भी आपको चरणबद्ध तरीके से कदम कदम पर परीक्षाएं देनी पड़ती है। और प्रत्येक परीक्षा में सफल होने के पश्चात् ही आपको आपकी मंजिल मिल पाती है। इसलिए आपको जीवन में यदि कुछ बड़ा पाना है तो उसके शुरुआत छोटे छोटे प्रयासों से ही करनी होगी।
भाग्य को छोड़कर कर्म की चिंता करें।
बड़ी ही प्रचलित कहावत है कि जो लोग स्वयं को भाग्य के भरोसे छोड़ देते हैं, उन्हें कर्म का फल उतना ही मिलता है। जितना कि मेहनत करने वालों से बच जाता है।
इसलिए आवश्यक है कि आप जीवन लक्ष्य को पाने के लिए कर्म करें ना कि भाग्य के भरोसे बैठे रहें। क्योंकि कर्म भाग्य से बड़ा होता है’- मैं इसमें विश्वास करता हूं। क्योंकि कर्म करके आप अपना भाग्य बदल सकते है। और यह आपसे कोई छीन भी नही सकता। और जिस व्यक्ति को कर्म में जितना विश्वास है वह व्यक्ति जीवन में उतना ही सफल होगा।
यानि यह बात स्पष्ट है कि हाथ पर हाथ रख कर बैठे रहने से न ही भाग्य साथ देता है और न कर्म की प्राप्ति होती है। जिस प्रकार से, किसी सोए हुए शेर के मुख में हिरण स्वयं ही नहीं चला जाता। बल्कि शेर को मेहनत करनी पड़ती है। ठीक वैसे ही मेहनत से ही कार्य पूरे होते हैं, सिर्फ इच्छा करने से नहीं।
दृढ़ निश्चयी रहें।
दृढ़ निश्चय में अद्भुत शक्ति होती है। जिसकी मदद से हम अपने जीवन में न सिर्फ सफलता बल्कि चिंताओं से भी मुक्ति पा सकते हैं।
यदि हम अपने उद्देश्य को पूरा करने का दृढ़ निश्चय कर चुके हैं। यदि हमने यह निर्णय कर लिया है कि चाहे जो कुछ भी हो, हम अपने उद्देश्य से विमुख नहीं होंगे। आधे मन से नहीं बल्कि पूरे मन से श्रम एवं प्रयास करेंगे। तो हमें हमारे प्रगति-पथ से विचलित करने की शक्ति दुनिया के किसी भी पदार्थ अथवा मनुष्य में नहीं है।
जो व्यक्ति संपूर्ण श्रद्धा से, दृढ़ संकल्प से, अटूट निष्ठा के साथ अपने लक्ष्य प्राप्ति हेतु जुट जाता है। उसके संकल्प से ही उसकी तमाम शक्तियां संगठित होकर उसके कार्य में नियोजित हो जाती हैं। ऐसा व्यक्ति कभी पीठ नहीं दिखाता, वह जिंदगी में आगे, और आगे बढ़ता जाता है, उसका हर कदम प्रगति की ओर ही अग्रसर होता रहता है।
कल की जगह आज पर ध्यान दें।
कबीरदास जी ने कहा है कि “कल करै सो आज कर, आज करै सो अब, पल में परलै होयेगी बहुरि करेगा कब।” यानि हमें आज का कार्य कल पर नहीं छोड़ना चाहिए। क्योंकि समय पर कार्य करने वाला व्यक्ति केवल अपना ही भला नहीं करता बल्कि अपने परिवार, ग्राम तथा राष्ट्र की उन्नति में भी सहायक देता है। साथ ही आज अपने समय का सदुपयोग करके निर्धन-धनवान, निर्बल-सबल और मूर्ख-विद्वान बन सकता है।
इसलिए यदि आप अपने उद्देश्य में सफल होना चाहते हैं तो आपको आज की कीमत समझनी होगी। अन्यथा आज का काम कल पर टालते रहने से आप कभी भी अपने लक्ष्य को समय पर हासिल नही कर सकते हो।
एकाग्रता की शक्ति पहचाने:
अगर आप वास्तव में अपने जीवन के लक्ष्य को पाने की चाह रखते हैं। तो आपको जीवन में एकाग्र होना पड़ेगा। यानि सफल जीवन की प्राप्ति के लिए व्यक्ति की एकाग्र शक्ति कारगर है। जिसे आप निम्न प्रकार से बढ़ा सकते हैं:-
आराम करें:
एकाग्रता को प्रभावित करने वाला सबसे बड़ा कारण आराम करना है। एकाग्रता के लिए आपके दिमाग को शांत होना चाहिए। और दिमाग तभी शांत रह सकता है, जब व्यक्ति सभी काम निश्चित समय पर पूर्ण करें और उसे पूर्ण रूप से अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में लगा दे।
योजना बनाएं:
जो भी करना चाहते हैं उसके लिए पहले से योजना बनाएं। जिससे जब आप किसी कार्य को करने की योजना बनाते हैं तो पूर्व योजना के कारण आप उस दौरान एकाग्र होकर अपना कार्य बिना किसी बाधा के संपन्न कर सकते हैं।
ध्यान करें:
एकाग्रता की शक्ति को लेकर स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि ध्यान ही एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके द्वारा व्यक्ति जितनी चाहे उतनी अपनी एकाग्रता को बढ़ा सकता है। और जो भी व्यक्ति ध्यान करेगा, निश्चित ही उसकी एकाग्र होने की शक्ति बढ़ेगी।
ध्यान करने से एकाग्रता की शक्ति निश्चित तौर पर बेहतर होती है। दरअसल, जब हम ध्यान लगाते हैं, तो सबसे पहले हम एकाग्रता को वश में करने की कोशिश करते हैं। इस प्रकार, हर दिन ध्यान के लिए समय निकालने से हमें सिर्फ अपनी एकाग्रता तकनीक पर काम करने का मौका ही नही मिलता है। अपितु हम अपने निश्चित उद्देश्य को पाने के लिए भी तत्पर होने लग जाते हैं।
नियमित तौर पर व्यायाम करें:
एकाग्रता की शक्ति हमारे चुस्त होने पर भी निर्भर करती है। और दूसरा नियमित तौर पर व्यायाम करने से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक दोनों ही रूप से स्वस्थ रहता है। आम तौर पर जितना ज्यादा हम अभ्यास करेंगे, उतनी ही हमारी एकाग्रता बढ़ेगी। जिसके माध्यम से हम जीवन लक्ष्य को बड़ी ही सरलता से हासिल कर सकते हैं।
इस प्रकार, हमने आपको जीवन में लक्ष्य प्राप्त करने से जुड़े 10 मुख्य कारकों के विषय में बताया। उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख अवश्य पसंद आया होगा।
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