मुनि तरुणसागर जी के कड़वे प्रवचन
तरुणसागर जी के अनमोल वचन
चिंता का विषय ये नहीं कि रूपये की कीमत कम हो रही है, चिंता का विषय ये हैं कि मनुष्यता की कीमत काम हो रही हैं।
जैन मुनि श्री तरुणसागर जी
कुछ पाने के लिए कुछ खोना नहीं, कुछ करना पड़ता हैं।
जैन मुनि श्री तरुणसागर जी
मंजिल मिले या न मिले ये मुकद्दर की बात हैं, लेकिन हम कोशिश ही न करे ये गलत बात हैं।
जैन मुनि श्री तरुणसागर जी
जिनमे अकेले चलने के हौसले होते हैं, उनके साथ काफिले होते हैं।
जैन मुनि श्री तरुणसागर जी
कोई जागे या ना जागे मुकद्दर उसका, मेरा तो फर्ज हैं आवाज लगाना।
जैन मुनि श्री तरुणसागर जी
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दिवार में कील ठोकनी हैं तो तकिये से काम नहीं चलेगा, हथोड़ा चलना पड़ेगा।
जैन मुनि श्री तरुणसागर जी
तरुणसागर जी के अनमोल वचन
यदि आपको कोई कुत्ता कहता है तो आप उस पर भौंकें नहीं बल्कि मुस्कुराएं। गालियां देने वाला स्वयं ही शर्मिन्दा हो जाएगा। अन्यथा आप सचमुच कुत्ता बन जाओगे। यदि कोई आपको गालियां देता है और आप उसे स्वीकार नहीं करते तो वह गालियां उसी के पास रह जाती हैं।
जैन मुनि श्री तरुणसागर जी
शादी करनी है तो जागते हुए करो। परिजनों की मर्जी को दरकिनार कर घर से भागने की प्रवृत्ति आपके जीवन को अंधकारमय बना सकती है।
जैन मुनि श्री तरुणसागर जी
युवतियां कभी भी घर से भागकर शादी मत करना। विधर्मी से शादी करने पर आपको वह सब भी करना पड़ सकता है जिसकी कल्पना आपने कभी न की होगी। तीन घंटे की फिल्म और वास्तविक जीवन में काफी अंतर होता है। अत: जागृत अवस्था में रहकर कोई भी कार्य करो।
जैन मुनि श्री तरुणसागर जी
रेस में जीतने वाले घोड़े को तो पता भी नहीं होता की जीत वास्तव में क्या हैं । वो तो अपने मालिक द्वारा दी गयी तकलीफ की वजह से दौड़ता हैं । तो जीवन में जब भी आपको तकलीफ हो और कोई मार्ग न दिखाई दे तब समझ जाईये कि मालिक आपको जीताना चाहता हैं ।
जैन मुनि श्री तरुणसागर जी
गुलाब काटों में भी मुस्कुराता हैं । तुम भी प्रतिकूलता में मुस्कुराओ, तो लोग तुमसे गुलाब की तरह प्रेम करेंगे । याद रखना जिंदा आदमी ही मुस्कुराएगा, मुर्दा कभी नहीं मुस्कुराता और कुत्ता चाहे तो भी मुस्कुरा नहीं सकता, हसना तो सिर्फ मनुष्य के भाग्य में ही हैं । इसलिए जीवन में सुख आये तो हस लेना, लेकिन दुख आये तो हसी में उड़ा देना ।
जैन मुनि श्री तरुणसागर जी
डॉक्टर और गुरु के सामने झूठ मत बोलिए क्योकि यह झूठ बहुत महंगा पड़ सकता हैं । गुरु के सामने झूठ बोलने से पाप का प्रायश्चित नहीं होंगा, डॉक्टर के सामने झूठ बोलने से रोग का निदान नहीं होंगा । डॉक्टर और गुरु के सामने एकदम सरल और तरल बनकर पेश हो । आप कितने भी होशियार क्यों न हो तो भी डॉक्टर और गुरु के सामने अपनी होशियारी मत दिखाये, क्योकि यहाँ होशियारी बिलकुल काम नहीं आती।
जैन मुनि श्री तरुणसागर जी
Tarunsagar ji ke Quotes
न तो इतने कड़वे बनो कि हर कोई थूक दे, और ना तो इतने मीठे बनो की हर कोई निगल जाये।
जैन मुनि श्री तरुणसागर जी
कभी तुम्हारे माँ-बाप तुम्हें डाट दे तो बुरा नहीं मानना । बल्कि सोचना….गलती होने पर माँ-बाप नहीं डाटेंगे तो और कौन डाटेंगे, और कभी छोटे से गलती हो जाये और यह सोचकर उन्हें माफ़ कर देना की गलतिया छोटे नहीं करेंगे तो और कौन करेंगा।
जैन मुनि श्री तरुणसागर जी
भले ही लड़ लेना….झगड़ लेना, पिट जाना…..पिट देना, मगर बोल चाल बंद मत करना क्योकि बोलचाल के बंद होते ही सुलह के सारे दरवाजे बंद हो जाते हैं। –
जैन मुनि श्री तरुणसागर जी
बच्चों को ऐसा लायक मत बनाना कि मां-बाप को ही नालायक समझने लगे।
जैन मुनि श्री तरुणसागर जी
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युद्धों के परिणाम अंतिम क्षणों में भी परिवर्तित किये जा सकते है बशर्तें कि हाथ मे तलवार हो। इसलिए अंतिम क्षण और अंतिम सांस तक संघर्ष करो।
बिल्कुल सही बात✌️✌️