Savitribai Phule Quotes in Hindi
सावित्रीबाई फुले के सुविचार
शिक्षा स्वर्ग का द्वार खोलती है, खुद को जानने का अवसर देती है।
सावित्रीबाई फुले
कोई तुम्हें कमजोर समझे, इससे पहले तुम्हे शिक्षा के महत्व को समझना होगा।
सावित्रीबाई फुले
स्वाभिमान से जीने के लिए पढ़ाई करो, शिक्षा ही इंसानों का सच्चा आभूषण है।
सावित्रीबाई फुले
अज्ञानता को तुम धर दबोचो, मज़बूती से पकड़कर पीटो और उसे अपने जीवन से भगा दो।
सावित्रीबाई फुले
स्त्रियां सिर्फ रसोई और खेत पर काम करने के लिए नहीं बनी है, वह पुरुषों से बेहतर कार्य कर सकती है।
सावित्रीबाई फुले
पत्थर को सिंदूर लगाकर और तेल में डुबोकर जिसे देवता समझा जाता है, वह असल मे पत्थर ही होता है।
सावित्रीबाई फुले
देश में महिला साक्षरता की भारी कमी है क्योंकि यहां की महिलाओं को कभी बंधन मुक्त होने ही नहीं दिया गया।
सावित्रीबाई फुले
तुम गाय,बकरी को सहलाते हो, नाग पंचमी पर नाग को दूध पिलाते हो, लेकिन दलितों को तुम इंसान नहीं, अछूत मानते हो।
सावित्रीबाई फुले
चौका बर्तन से ज्यादा जरूरी है पढ़ाई
सावित्रीबाई फुले
क्या तुम्हें मेरी बात समझ में आई?
इस धरती पर ब्राह्मणों ने स्वयं को स्वघोषित देवता बना लिया है।
सावित्रीबाई फुले
अगर पत्थर पूजने से बच्चे पैदा होते तो नर नारी शादी ही क्यों करते।
सावित्रीबाई फुले
अपनी बेटी के विवाह से पहले उसे शिक्षित बनाओ, ताकि वह आसानी से अच्छे-बुरे का फर्क कर सके।
सावित्रीबाई फुले
किसी समाज या देश की प्रगति तब तक असंभव हैं, जब तक वहां की महिलाएं शिक्षित ना हों।
सावित्रीबाई फुले
आखिर कब तक तुम अपने ऊपर हो रहे अत्याचार को सहन करोगी। देश बदल रहा है, इस बदलाव में हमें भी बदलना होगा। शिक्षा का द्वार जो पितृसत्तात्मक विचार ने बंद किया है, उसे खोलना होगा।
सावित्रीबाई फुले
जाओ जाकर पढ़ो-लिखो, मेहनती बनो, आत्मनिर्भर होकर काम करो, ज्ञान और धन एकत्रित करो। ज्ञान के बिना सब खो जाता है। ज्ञान के बिना हम जानवर बन जाते है, इसलिए खाली मत बैठो, जाओ जाकर शिक्षा ग्रहण करो।
सावित्रीबाई फुले
मेरी कविता को पढ़ सुनकर यदि थोड़ा भी ज्ञान प्राप्त हो जाए, तो मैं समझूंगी मेरी मेहनत सार्थक हो गई। मुझे बताओ सत्य निडर होकर कि कैसी है मेरी कविताएं… ज्ञान परख यथार्थ मनभावन या अदभुत… तुम ही बताओ।
सावित्रीबाई फुले
एक सशक्त और शिक्षित स्त्री सभ्य समाज का निर्माण कर सकती है। इसलिए तुम्हारा भी शिक्षा का अधिकार होना चहिए। कब तक तुम गुलामी की बेड़ियों में जकड़ी रहोगी। उठो और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करो।
सावित्रीबाई फुले
ब्राह्मणवाद केवल मानसिकता नहीं, एक पूरी व्यवस्था है। जिससे धर्म के पोषक तत्व देवी-देवता, रीति-रिवाज, पूजा-पाठ आदि गरीब दलित जनता को अपने में काबू में रखकर उनकी उन्नति के सारे रास्ते बंद करते हैं और उन्हें बदहाली भरे जीवन में धकेलते आए हैं।
सावित्रीबाई फुले
गरीबों और जरूरतमंदों के लिए हितकारी और कल्याणकारी कार्य शुरू किए हैं। मैं अपने हिस्से की जिम्मेदारी भी निभाना चाहती हूं। मैं आपको यकीन दिलाती हूं कि मैं आपकी हमेशा सहायता करुँगी। मैं कामना करती हूं कि ईश्वरीय कार्य अधिक लोगों की सहायता करेंगे।
सावित्रीबाई फुले