टॉप 21 रमण महर्षि के अनमोल विचार

रमण महर्षि के अनमोल वचन

Ramana Maharshi Quotes in Hindi

कोई भी बिना कोशिश किए सफल नहीं हो सकता हैं … जो लोग सफल होते हैं उनमें सफलता पाने की जिद होती हैं।

रमण महर्षि

खुद को पहचानना। यह सबसे बड़ी सेवा है जो आप संसार को दे सकते हो

रमण महर्षि

जो आता है जाने दो, जो जाता है जाने दो। जो बचा है उसे संभालो।

रमण महर्षि

सुख तुम्हारा स्वभाव है। इसकी इच्छा करना गलत नहीं है। लेकिन इसे बाहर ढूंढ़ना गलत है जबकि यह अपने भीतर है।

रमण महर्षि

आपके मन ने आपको सब सीमाओं में बांधा है। आप मूल रूप से अनंत और परिपूर्ण हैं।

रमण महर्षि

केवल शांति का ही अस्तित्व रहता है। हमें केवल शांत रहने की जरूरत है। शांति ही हमारी वास्तविक प्रकृति हैं। हम इसे हमेशा नष्ट करते रहते हैं। हमे शांति नष्ट करने की आदत को बंद करने की जरूरत है।

रमण महर्षि

बिना खुद में सुधार किए विश्व को सुधार करने की कोशिश करना, ठीक वैसा ही है जिस प्रकार कंकड़ पत्थर से बचने के लिए पूरी पृथ्वी पर चमड़ा बिछाना। सबसे आसान यही हैं कि खुद जूते पहन लो।

रमण महर्षि

ईश्वर और अपने आप में विश्वास रखें; सब ठीक हो जाएगा। सबसे अच्छे के लिए आशा करें, सबसे अच्छे की उम्मीद करें, सबसे अच्छे के लिए कठिन परिश्रम करें और अंत में आपके लिए सब कुछ सही हो जाएगा।

रमण महर्षि

दुख का कारण बाहर नहीं है। यह तो अपने भीतर हैं। दुख अहंकार से ही पैदा होता है

रमण महर्षि

मौन में जो सक्रियता और शक्ति हैं, वह भाषण, प्रवचन में कदापि नहीं है।

रमण महर्षि

ईश्वर को जानने से पहले खुद को जानना चाहिए। आत्मा से अलग ईश्वर की स्थिति नहीं है। यह विश्व आत्मा को न जानने के कारण ही दुखी हैं।

रमण महर्षि

तुम क्यों भविष्य की चिंता करते हो। तुम तो अपना वर्तमान ही नहीं जानते हो। इसलिए वर्तमान को संभालो। भविष्य अपने आप ठीक हो जाएगा।

रमण महर्षि

इसका विचार मत करो कि तुम मरने के बाद क्या होंगे आपको यह समझना है कि तुम इस समय क्या हो

रमण महर्षि

मृत्यु केवल शरीर को मार सकती हैं। आत्मा अनश्वर हैं, अमर हैं, मृत्यु की सीमा से बाहर है।

रमण महर्षि

मौन रहना भी बातचीत है

रमण महर्षि

आत्म-सुधार स्वाभाविक रूप से सामाजिक सुधार लाता है।

रमण महर्षि

हर किसी को स्वयं का अहसास करना चाहिए। ताकि छुपी हुई खुशियों का भंडार खुल सके।

रमण महर्षि

जब विचार होते हैं, तो यह विकर्षण(Distraction) होता है: जब कोई विचार नहीं होते हैं, तो यह ध्यान होता है।

रमण महर्षि

मैंने कभी नहीं कहा कि गुरु की कोई जरूरत नहीं है। सब इस बात पर निर्भर करता हैं कि आप गुरु किसे कहते हैं। उसे मानवीय रूप में होने की आवश्यकता नहीं है।

रमण महर्षि

सब कुछ जो इस संसार में है वह मेरा गुरु हैं।

रमण महर्षि

आप विचारों के प्रवाह को केवल मना करने से ही रोक सकते हैं कि आपको इन में रुचि नहीं है।

रमण महर्षि

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