महात्मा गाँधी के जीवन की प्रेरणा देने वाली घटना
एक समय की बात है, एक महिला महात्मा गांधीजी के पास आई और उनसे कहा कि वे उनके बेटे से कहे की वह शक्कर खाना छोड़ दे।
गांधीजी ने उस महिला को अपने बच्चे के साथ एक हफ्ते बाद आने के लिए कहा।
पुरे एक हफ्ते बाद ही वह महिला अपने बच्चे के साथ वापिस आई।
और गांधीजी ने उसके बेटे से कहा, “बेटा, कृपया शक्कर खाना छोड़ दो।”
जाते-जाते उस महिला ने महात्मा गांधी जी का धन्यवाद् किया और जाने से पहले उसने गांधीजी से पूछा, “आपने यही शब्द एक हफ्ते पहले मेरे बेटे से क्यों नहीं कहे।”
गांधीजी ने नम्रता से जवाब दिया, “क्योकि एक हफ्ते पहले, मैंने शक्कर खाना बंद नहीं किया था।”
दोस्तों यदि आपको दुनिया को बदलना है, तो सबसे पहले आपको अपने आप को बदलना होंगा। यही महापुरुष महात्मा गाँधी के शब्द थे।
दोस्तों, हम सभी में दुनिया बदलने की ताकत है, पर इसकी शुरुवात खुद से ही होती है। कुछ और बदलने से पहले हमें खुद को बदलना होगा। हमें खुद को तैयार करना होंगा, अपनी काबिलियत को अपनी ताकत बनाना होंगा।
“खुद वो बदलाव बनिए जो आप दुनिया में देखना चाहते है।”
महात्मा गाँधी
तो चलिए क्यों ना आज से ही हम गांधीजी की राहो पर चलने की कोशिश करे। और पहले खुद में वो बदलाव लाये जो आप दुनिया में अपने आसपास में देखना चाहते हो।
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