ओशो के 31 सर्वश्रेष्ठ सुविचार Osho Hindi Quotes

ओशो के अनमोल विचार

Osho Quotes in Hindi

दोस्तों आज हम आपके साथ आचार्य रजनीश के विचार शेयर करने जा रहे है जो दुनियाभर में ओशो के नाम से प्रसिद्ध है। आध्यात्मिक गुरु ओशो जिनके followers पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। अपने खुले विचारों की वजह से जहाँ उन्हें लाखों followers मिलें वही कई बार उनकी निंदा भी हुई। उनकी मृत्यु के कई साल बाद भी उनका साहित्य लोगों तक उनके सन्देश पहुंचा रहा है और लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।

ओशो ने अपने प्रेरणादायक विचारों से पूरी दुनियां को धार्मिक रूढ़िवादिता से हटकर एक नई सोच प्रदान की। इसलिए ओशो को 20 वी सदी के एक महान विचारक के तौर भी जाना जाता है। आज भी ओशो के विचारो को गहराई से सुना और समझा जाता है। तो दोस्तों आइये जानते है ओशो के कुछ प्रेरणादायक अनमोल विचार:

ओशो के प्रेरणादायक विचार

यहां कोई भी आपके सपने को पूरा करने के लिए नहीं है। हर कोई यहाँ अपने भाग्य और अपनी हक़ीक़त बनाने में लगा हैं।

ओशो

उदासी, उतना उदास नहीं करती। जितना उदासी आ गई, यह बात उदास करती है।

ओशो

यदि आप सच्चाई को देखना चाहते हैं, तो उसके लिए या उसके खिलाफ कोई राय न रखें।

ओशो

चुनें नहीं। जीवन को स्वीकार करें क्योंकि यह अपनी समग्रता में है।

ओशो

जीवन ठहराव और गति के बीच एक संतुलन है।

ओशो

मूर्ख दूसरों पर हँसते हैं। बुद्धिमान खुद पर हँसते है।

ओशो

किसी के साथ किसी प्रतियोगिता की कोई आवश्यकता नहीं है। आप स्वयं हैं, और जैसे आप हैं, आप पूरी तरह से अच्छे हैं। खुद को स्वीकार करें।

ओशो

आप वो बन जाते हैं जो आपको लगता है कि आप हैं।

ओशो

अधिक से अधिक निर्दोष, कम ज्ञानी और अधिक बालसुलभ बनें। जीवन को मजे के रूप में लें – क्योंकि यही ठीक है!

ओशो

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स्वयं की खोज करें, अन्यथा आपको अन्य लोगों की राय पर निर्भर रहना होगा जो खुद को भी नहीं जानते हैं।

ओशो

अपनी विशिष्टता का सम्मान करें, और तुलना छोड़ें। अपने अस्तित्व में मस्त रहो।

ओशो

ओशो के प्यार पर सुविचार Osho Quotes on Love

जब प्यार और नफरत दोनों अनुपस्थित होते हैं तो सब कुछ स्पष्ट और निर्विवाद हो जाता है।

ओशो

आप जितने लोगों को चाहे, उतने लोगों को प्यार कर सकते हैं। इसका मतलब यह नहीं कि आप एक दिन दिवालिया हो जाएंगे और कहेंगे अब मेरे पास प्रेम नहीं बचा है।

ओशो

मित्रता सबसे शुद्ध प्रेम है। यह प्रेम का उच्चतम रूप है जहां कुछ भी नहीं मांगा जाता है, कोई भी शर्त नहीं है, जहां हर कोई बस देने में आनंद लेता है।

ओशो

बिना प्यार के इंसान बस एक शरीर हैं।

ओशो

प्यार खुश होता है जब यह कुछ देने में सक्षम होता है। अहंकार खुश होता है जब वह कुछ लेने में सक्षम होता है।

ओशो

अगर आप बिना प्यार के काम करते हैं, तो आप गुलाम की तरह काम कर रहे हैं। जब आप प्यार से काम करते हैं, तो आप एक सम्राट की तरह काम करते हैं। तुम्हारा काम ही तुम्हारी ख़ुशी हैं, तुम्हारा काम ही तुम्हारा नृत्य है।

ओशो

उस रास्ते पर मत चलो, जिस पर डर तुम्हे ले जाये,
बल्कि उस रास्ते पर चलो, जिस पर प्रेम ले जाये,
उस रास्ते पर चलो, जिस पर ख़ुशी तुम्हे ले जाये

ओशो

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दिल अतीत का कुछ भी नहीं जानता, भविष्य का भी कुछ नहीं; इसे केवल वर्तमान का ही पता है। दिल का कोई समय का कॉन्सेप्ट नहीं है।

ओशो

जब मैं कहता हूं कि आप देवी-देवता हैं तो मेरा मतलब है कि आपकी संभावना अनंत है, आपकी क्षमता अनंत है।

ओशो

ओशो के प्रेरक कथन Osho Quotes in Hindi

अतीत का अनावश्यक रूप से बोझ न लें। आपके द्वारा पढ़े गए अध्यायों को बंद करते जाएं; बार-बार वापस जाने की जरूरत नहीं है।

ओशो

आप जीवन जीने के लिए बाहरी परिवर्तन कर सकते हैं लेकिन आप कभी संतुष्ट नहीं होंगे। जब तक आंतरिक परिवर्तन नहीं होगा, बाहरी परिवर्तन कभी भी परफेक्ट नहीं हो सकता।

ओशो

वृक्षों को देखो, पक्षियों को देखो, बादलों में देखो, सितारों को देखो …और अगर आपके पास आँखें है तो आप यह देखने में सक्षम होगे कि पूरा अस्तित्व आनंदमय है। सब कुछ बस खुश है। पेड़ बिना किसी कारण के खुश हैं ; वे प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति बनने नहीं जा रहे हैं और वे अमीर भी नहीं बनने जा रहे हैं और ना ही कभी उनके पास बैंक बैलेंस होगा…फूलों को देखिये – बिना किसी कारण के कितने खुश और अविश्वसनीय है।

ओशो

हम जो हैं वही हम सोच पाते हैं। हम अपने ढंग से सोचते हैं।

ओशो

अधिक से अधिक भोले, कम ज्ञानी और बच्चों की तरह बनिये है। जीवन को मजे के रूप में लीजिये। क्योकि वास्तविकता में यही जीवन है।

ओशो

दिल, भूत और भविष्य के बारे में कुछ नहीं जानता। यह सिर्फ वर्तमान के बारे में जानता है।

ओशो

जीवन में कोई त्रासदी नहीं है। यह एक हास्य है। जीवित रहने का मतलब है, हास्य का बोध होना।

ओशो

परमात्मा का प्रमाण पूछते हो, क्या चेतना का अस्तित्व प्रयाप्त प्रमाण नहीं है? क्या जल की बून्द ही समस्त सागरो को प्रमाणित नहीं कर देती हैं?

ओशो

यह मत कहो कि मैं प्रार्थना में था। इसका मतलब आप प्रार्थना के बाहर भी होते हो। जो प्रार्थना के बाहर भी होता हैं। वह प्रार्थना में हो नहीं सकता।

ओशो

‘मैं’ से भागने की कोशिश मत करना उससे भागना हो ही नहीं सकता। क्योंकि बाद में भी वह साथ ही हैं।

ओशो

भूल भी ठीक की तरफ ले जाने का मार्ग है। इसलिए भूल करने से डरना नहीं चाहिए।

ओशो

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