मेंढ़क सी सोच-हिंदी कहानी

हिंदी प्रेरणादायक कहानी

Motivational Story In Hindi

एक बार की बात है। एक कुएं में एक मेंढक रहता था। उसने कुएं के सिवा बाहर की दुनिया कभी नहीं देखी।

एक दिन एक महासागर की मछली अचानक बहते बहते कुएं में आ गई।

अब इन दोनों के बीच बातचीत कैसे हुई, यह देखिए:

मछली ने मेंढक से कहा, “क्या तुम्हें पता है महासागर कितना बड़ा होता है?”

मेंढक ने एक छलांग लगाई और बोला, “इतना होगा।”

मछली बोली, “नहीं! बहुत बड़ा होता है।”

मेंढ़क ने फिर एक ओर बड़ी छलांग लगाई और बोला, “इतना बड़ा होगा।”

मछली बोली, “नहीं! इससे भी बहुत बड़ा होता है।”

मेंढ़क ने अपना पूरा जोर लगाया और एक किनारे से दूसरे किनारे तक छलांग लगाई और बोला, “इससे तो बड़ा हो ही नहीं सकता है।”

मछली बोली, “नहीं! महासागर इससे भी कई गुना विशाल और गहरा होता है।”

अब मेंढक मछली से बोला, “तुम अब बहुत ही ज्यादा फेंक रही हो। इससे बड़ा तो कुछ हो ही नहीं सकता है। तुम अपना ज्ञान अपने पास रखो। मेरे को ज्यादा बेवकूफ बनाने की जरूरत नहीं है। तुम झूठ बोल रही हो।”

दोस्तो बहुत सारे लोगों की सोच इस कुएं के मेंढक जैसी होती हैं। अपने आप को सीमित सोच के दायरे में बांध देते हैं और यह सोचते कि इससे बाहर तो कुछ होता ही नहीं है।

हालांकि वो यह जानबूझकर नहीं करते हैं। उनके आसपास का वातावरण ही ऐसा होता है जिसके कारण उनकी सोच एक निश्चित दायरे में बंध जाती है।

एक बार अपनी मान्यताओं को पीछे छोड़कर अपनी सोच का दायरा बढ़ाए फिर देखे कि आप क्या-क्या कर सकते हैं। आप ज़िन्दगी में वो सब हासिल कर सकते हो, जो आपने सपने में भी नहीं सोचा होगा।

दोस्तो लगातार कुछ नया सीखते रहो। अच्छी अच्छी किताबें पढ़ो। क्योंकि अपनी सोच के दायरे को बढ़ाने के लिए यह बहुत ही आवश्यक है। क्योंकि हमें मछली जैसी सोच रखनी है, मेंडक जैसी नहीं।

दोस्तों कैसी लगी ये कहानी हमे कमेंट करके जरूर बताये। और भी बहुत सारी हिंदी नैतिक कहानिया, नैतिक शिक्षा की कहानिया, मोटिवेशनल कहानिया, अच्छी अच्छी कहानिया और प्रेरणादायक कहानिया पढ़ने के लिए यहाँ विजिट करे।आपका इस धाकड़ बाते ब्लॉग पर आने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद्।

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