तालाब वाला राक्षस हिंदी कहानी

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Hindi Moral Story

एक बार की बात है, एक जंगल में एक तालाब था। जंगल के सभी जानवरों का मानना था कि उस तालाब में एक राक्षस रहता है। और जो भी शाम के बाद तालाब पर पानी पीने जाते हैं। राक्षस उनको खा जाता हैं। इस डर के कारण कोई भी जानवर शाम के बाद तालाब के आसपास भी नहीं जाते थे।

एक दिन एक खरगोश उस जंगल में नया-नया आया। सभी जानवर उसे यह बताना भूल गए कि शाम के बाद तालाब की ओर नहीं जाना हैं।

उस शाम को वहां उस तालाब में पानी पीने गया तो उसने बड़ी तेजी से अपनी ओर आते हुए एक मगरमच्छ को देख लिया। खरगोश यह देखकर बड़ी तेज से जंगल की तरफ भाग गया।

जंगल के जानवरों ने उसे भागते हुए देखा तो उन्होंने इसका कारण पूछा। खरगोश ने बताया कि मैं तालाब पर पानी पीने गया तो एक मगरमच्छ तेजी से मेरी तरफ आता हुआ दिखा, इसलिए मैं भागकर यहां आ गया।

जानवरों ने कहां कि उस तालाब पर तो राक्षस रहता है जो शाम के बाद वहां जाने वालों को खा जाता हैं। लेकिन उस तालाब में मगरमच्छ क्या कर रहा है? उसे तो हमने पहले कभी नहीं देखा।

कहीं ये मगरमच्छ ही तो सभी जानवरों को नहीं खाता है, जो शाम के बाद उस तालाब में पानी पीने जाते हैं?

अगले दिन शाम को खरगोश के साथ सभी जानवर उस तालाब की ओर गए। सभी जानवरों को आता देख मगरमच्छ पानी में छुप गया लेकिन उसकी पीठ अभी भी पानी के ऊपर दिखाई दे रही थी।

खरगोश समझ गया कि यह मगरमच्छ ही है। लेकिन दूसरे जानवर इसको पत्थर समझ रहे थे।

खरगोश ने सभी जानवरों को यकीन दिलाने के लिए दिमाग लगाया।

खरगोश जोर से बोला, “यह हैं तो पत्थर ही। लेकिन हम तो तभी मानेंगे जब यह खुद बताएगा।”

यह सुनकर मगरमच्छ बोला कि मैं एक पत्थर हुं। यह सुनकर सभी जानवरों को पता लग गया कि यह एक मगरमच्छ ही है, जो सभी जानवरों को खा जाता है।

खरगोश ने मगरमच्छ से कहा कि तुम इतना भी नहीं जानते कि पत्थर बोला नहीं करते।

इसके बाद जंगल के सभी जानवरों ने उस मगरमच्छ को उस तालाब से भगा दिया। अब सभी जानवर खुशी खुशी रहने लगे।

सीख (Moral of the story):

दोस्तों हर समस्या का समाधान होता हैं। और जब बिना घबराए किसी मुसीबत का सामना करते हैं तो उससे छुटकारा पा सकते हैं।

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