हीन भावना का शिकार ना बनें- हिन्दी कहानी

खुद को हीन भावना से ग्रसित ना होने दें- हिन्दी कहानी

Hindi Motivational Story

एक बार की बात है। जंगल में एक बारहसिंगा रहता था। उसको अपने खूबसूरत सींगों पर बहुत ही गर्व था। जब भी वह तालाब में पानी पीते हुए अपनी परछाई देखता तो सोचता, “मेरे सींग कितने खूबसूरत हैं, लेकिन मेरी टांगें कितनी पतली और भद्दी हैं।”

वह सोचता कि काश उसकी टांगे भी खूबसूरत होती तो वह बहुत खुबसुरत दिखता। इस प्रकार वह अपनी टांगो को लेकर बहुत हीन भावना से गिरा रहता था।

एक दिन उस जंगल में कुछ शिकारी शिकार पर आए। उन्होंने जब खूबसरत सींगों वाले बारहसिंघा को देखा तो वे उसका शिकार करने के लिए उसके पीछे दौड़े। बारहसिंगा बहुत तेज दौड़ा और शिकारियों से काफी दूर निकल गया।

भागते हुए वह पेड़ो के नीचे से गुजर रहा था। तभी अचानक बारहसिंघा के सींग एक पेड़ की शाखा में अटक गए। बारहसिंगा अपने सींग छुड़ाने की भरपूर कोशिश कर रहा था, लेकिन सींग नहीं निकल पा रहे थे। इधर शिकारी लगातार निकट आते जा रहे थे।

खूब कोशिश करने के बाद बड़ी मुश्किल से उसने अपने सींग छुड़ाए और वहाँ से जान बचाकर सुरक्षित स्थान पहुंचा।

अब बारहसिंघा सोचने लगा, “मैं भी कितना बड़ा मूर्ख हूँ। जिन सींगों की खूबसूरती पर मैं इतना इतराता था, आज उन्ही की वजह से मैं भारी संकट में फँस गया था और जिन टांगों को मैं भद्दी कहकर कोसा करता था, आज उन्हीं टांगों ने मेरी जान बचाई है।”

शिक्षा (Moral):
दोस्तों, इस दुनिया मे कोई भी इंसान परफेक्ट नहीं है। हर किसी में कुछ ना कुछ कमी जरूर है। लेकिन हमको इस कमी को लेकर हीन भावना का शिकार नहीं होने देना है। आप जैसे भी हैं, सर्वश्रेष्ठ है। खुद से प्यार करें। यकीन मानिए यह कमी भी आपकी मजबूती बन जाएगी।

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