भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद के अनमोल वचन
Bhaktivedanta Swami Prabhupada Quotes in Hindi
यदि आप हीरे बेचते हैं, तो आप ज्यादा ग्राहक होने की उम्मीद नहीं कर सकते। लेकिन एक हीरा एक हीरा ही रहेगा, भले ही कोई ग्राहक न हो।
भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद
सभी ज्ञान की शुरुआत विनम्रता से होती है।
भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद
किताबें आधार हैं; पवित्रता बल है; उपदेश सार है; उपयोगिता सिद्धांत है।
भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद
धर्म मतलब ईश्वर को जानना, उससे प्यार करना।
भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद
जो अपने भीतर प्रसन्न है, सक्रिय है, आनंदित है और प्रकाशमान है, वहीं वास्तव में मुक्त है।
भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप हिंदू है, मुस्लिम हैं या ईसाई है। ज्ञान तो ज्ञान है। जहां कहीं मिल जाए, ग्रहण कर लेना चाहिए।
भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद
वांछित मिलने पर खुश नहीं होना चाहिए और अवांछनीय मिलने पर व्यथित नहीं होना चाहिए, क्योंकि ऐसी भावनाएं केवल मन द्वारा बनाई गई हैं।
भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद
एक पाखंडी होने की तुलना में एक नास्तिक होना बेहतर है।
भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद
हमारा काम केवल ईश्वर से प्रेम करना है, ना कि अपनी आवश्यकताओं के लिए ईश्वर की पूजा करना।
भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद
दर्शन(Philosophy) के बिना धर्म भावना है, या कभी-कभी कट्टरता है, जबकि धर्म के बिना दर्शन मानसिक अटकलें(Mental Speculation) हैं।
भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद
अगर आप कुछ लाभ के लिए ईश्वर की सेवा करते हैं तो यह व्यवसाय हैं, प्रेम नहीं।
भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद
जीभ के स्वाद के लिए जानवरों की हत्या अज्ञानता का सबसे बड़ा प्रकार है
भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद
अपने आप को कभी अकेला ना समझें ईश्वर हमेशा आपके साथ है
भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद
अपना ध्यान परमपिता पर ही रखने और उससे प्रेम करने की कला को ही चेतना कहते हैं।
भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद
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