आचार्य विनोबा भावे के अनमोल विचार
Acharya Vinoba Bhave Hindi Quotes
मनुष्य जितना ज्ञान के रंग में रंग गया हो उतना ही कर्म के रंग में रंग जाता है।
आचार्य विनोबा भावे
जिस राष्ट्र में चरित्रशीलता नहीं होती है उस राष्ट्र में कोई योजना काम नहीं कर सकती।
आचार्य विनोबा भावे
ऐसे देश को त्याग देना चाहिए जहाँ अपना न आदर है, न मित्र, न जीविका, न परिवार और न ही ज्ञान की आशा हो।
आचार्य विनोबा भावे
स्वतंत्र वही हो सकता है जो अपना काम स्वयं कर लेता हो।
आचार्य विनोबा भावे
जो चीज़ विचारकों को आज स्पष्ट दिखती है दुनिया उस पर कल अमल करती है।
आचार्य विनोबा भावे
कलियुग में रहना है या सतयुग में, यह तुम स्वयं चुनो, तुम्हारा युग तुम्हारे पास है।
आचार्य विनोबा भावे
प्रतिभा का अर्थ है बुद्धि में नई कोपलें फूटते रहना। नई कल्पना, नई खोज, नया उत्साह और नई स्फूर्ति, यही प्रतिभा के लक्षण हैं।
आचार्य विनोबा भावे
महान विचार ही कार्य रूप में परिवर्तित होकर महान कार्य बनते हैं।
आचार्य विनोबा भावे
लाभ की इमारत, कष्ट की धूप में ही बनती है।
आचार्य विनोबा भावे
द्वेष बुद्धि को द्वेष से नहीं मिटा सकते, इसे केवल प्रेम की शक्ति से ही मिटा सकती है।
आचार्य विनोबा भावे
जिसने ज्ञान को अपने आचरण में उतार लिया, उसने ईश्वर को मूर्तिमान कर लिया।
आचार्य विनोबा भावे
मौन और एकान्त, आत्मा के सर्वोत्तम मित्र हैं।
आचार्य विनोबा भावे
गरीब वह नहीं जिसके पास कम धन है, बल्कि वह जो धनवान होते हुए भी जिसकी इच्छा कम नहीं हुई है, वह सबसे बड़ा गरीब है।
आचार्य विनोबा भावे
सेवा के लिये पैसे की जरूरत नहीं पड़ती हैं। जरूरत है तो सिर्फ अपना संकुचित जीवन छोड़कर गरीबों से एकरूप होने की।
आचार्य विनोबा भावे
जिस त्याग से अभिमान पैदा होता है, वह त्याग नहीं हैं। त्याग से शांति मिलनी चाहिए और अभिमान का त्याग करना ही सच्चा त्याग है।
आचार्य विनोबा भावे
ज्ञानी वह है, जो वर्तमान को ठीक से समझकर परिस्थिति के अनुसार आचरण करे।
आचार्य विनोबा भावे
जिसने नई चीज सीखने की आशा छोड़ दी, वह बूढ़ा है।
आचार्य विनोबा भावे
तगड़े और स्वस्थ व्यक्ति को भिक्षा देना, दान का अन्याय है। कर्महीन मनुष्य भिक्षा के दान का अधिकारी नही हैं।
आचार्य विनोबा भावे
संघर्ष और उथल पुथल के बिना जीवन बिल्कुल नीरस जाएगा। इसलिए इनसे घबराए नही।
आचार्य विनोबा भावे
जब हम किसी नयी योजना पर विचार करते हैं तो हमे इसका गहन अध्ययन करना चाहिए। केवल सतही नहीं, बल्कि उसके हर एक पहलू का अध्ययन करना चाहिए।
आचार्य विनोबा भावे
ऐसा व्यक्ति जो एक घंटे का समय भी बर्बाद करता है, उसने अपने जीवन के मूल्य को समझा ही नहीं है।
आचार्य विनोबा भावे
हम आगे बढ़ते हैं, नई राहे बनाते हैं और नयी परियोजनाएं बनाते हैं। क्योंकि हम जिज्ञासु हैं और जिज्ञासा हमें नयी राहों की ओर ले जाती है।
आचार्य विनोबा भावे
प्रेरणा किसी कार्य आरम्भ करने में सहायता करती है और आदत उस कार्य को जारी रखने में सहायता करती है।
आचार्य विनोबा भावे
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